Tone totke for health and disease in Hindi, English

Tone totke for health and disease in Hindi, English (रोग निवारक टोटके)

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In every home, most of the people whether that is a old person or young, has many diseases. For a simple disease, if you go to doctor then it requires lot of money which is not affordable for anyone. In that situation you can follow simple but effective tone totke from this article to get good health. Most important thing is that there is no negative effects of these totka’s unlike medicines. It saves you from money loss and time loss. Here you have totke for good health in Hindi:

Tone totke for health and disease

  1. पुनर्नवा की जड़ के 21 छोटे छोटे टुकड़े कर लें. फिर कच्चे सूत के 9  धागों को मिलाकर एक डोरी बनाएं. अब उसमें थोड़े थोड़े अंतर पर पुनर्नवा के एक एक टुकड़े को गांठ लगाकर बांध दें. इसके बाद हनुमानजी का स्मरण करके इस माला को रोगी के गले में पहना दें. उसके सभी रोग ठीक हो जायेगें. पूर्णतः ठीक होने पर उस माला को उतार कर किसी पेड़ की डाल पर लटका आएं.
  2. शुक्रवार ये मंगलवार को लोबान के पौधे की जड़ सूत में पिरोकर गले में धारण करने से सभी प्रकार की खांसी ठीक हो जाती है.
  3. काली हल्दी को कपड़े से पोंछ कर एक कटोरी में रख दें. फिर उसे लोबान या गूगल धुप से शुद्ध करके उसे एक साफ़ कपड़े में लपेट लें. शुद्ध करने के लिए उसे हाथ में लेकर लोबान या गूगल की धुआं में कुछ देर रखें. जरुरत पड़ने पर इसका एक छोटा सा टुकड़ा काटकर उसे धागे में पिरोकर रोगी के गले या भुजा में बांध दें. इस टोटके से उन्माद, मिर्गी और अनिंद्रा रोगों में बड़ा लाभ होता है.
  4. यदि रोगी इंसान की नारियल से नजर उतार कर उस नारियल को आग में जल दें तो उसका रोग भी समाप्त हो जायेगा.
  5. शनिवार के दिन आधा तोला काले धतूरे की जड़ को कमर में बांध से बवासीर (पाइल्स) रोग में बहुत लाभ होता है.
  6. रविवार के दिन प्रातः काल सूर्य मुखी का फूल लेकर सूर्य के सामने खड़े हो जाएँ और उसे अपने ललाट पर धीरे धीरे रगड़ें. उसके बाद उसे फूल को किसी नदी में बहा दें. इससे आधासीसी (माइग्रेन) का दर्द ठीक हो जायेगा.
  7. ज्वर से पीड़ित इंसान के मस्तक पर केकड़े के बिल की मिट्टि लगने से वह धीरे धीरे ज्वर से मुक्त हो जाता है.
  8. कमर में चडक जाने पर उल्टी पैदा हुई स्त्री के पास जाकर उसे दर्द का स्थान दिखाएँ और उससे उस दर्द वाली जगह पर 7 बार हाथ या पैर से मारने के लिए कहें. ऐसा शनिवार, रविवार या मंगलवार को करने से दर्द ठीक हो जाता है.
  9. देशी फिटकरी को कमर में बांधकर पत्नी से साथ सम्भोग (सेक्स) करके पर पुरुष का अधिक समय तक स्तम्भन होता है यानि वो काफी देर तक सेक्स कर सकता है.
  10. लंगड़े आम की जड़ कमर में बांध कर पत्नी से साथ सम्भोग (सेक्स) करके से भी पुरुष का अधिक समय तक स्तम्भन होता है यानि वो काफी देर तक सेक्स कर सकता है.
  11. मंगलवार के दिन लाल अपामार्ग की जड़ लेकर कमर में बांध कर सेक्स करने से भी काफी देर तक स्तम्भन होता है.
  12. किसी भी मास के प्रथम सोमवार को सफेद कपड़े में 3 अभिमंत्रित गोमती चक्र, नागकेसर के 11 जोड़े तथा धनकारक 7 कौड़ियां बांध लें. फिर उस कपड़े पर हारसिंगार का इत्र लगा कर उसे रोगी के सर पर 7 बार उसार कर शिव मंदिर में रख आएं. इससे किसी भी प्रकार के रोग से पीड़ित इंसान ठीक हो जाता है.
  13. यदि परिवार का कोई सदस्य बीमार हो तो सोमवार को मोती शंख और दूध मिश्रित जल की धार शिवलिंग पर अर्पित करें. ऐसा करने से शिवजी की अनुकम्पा प्राप्त होती है और रोगी स्वस्थ हो जाता है.
  14. मृत्यु तुल्य पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए जौ के आटे में काले तिल और सरसों का तेल मिलाकर रोटी बनायें. फिर उसे रोगी के ऊपर से 7 बार उतार कर किसी भैंसे को खिलाने से तुरंत लाभ होगा.
  15. आँख और कान के बीच वाले भाग पर चूना रखने से आँख का लाल रंग दूर हो जाता है तथा आई हुई आँख ठीक हो जाती है.
  16. सुबह बासी मुंह का थूक आँख में लगाने से आँख की सभी बीमारियां दूर होकर निगाह तेज हो जाती है.
  17. सफेद गूंजा को बारीक पीसकर कपड़े से छान लें. फिर उसमे गंगाजल मिलाकर उसका पेस्ट बनाएं. इसके बाद ॐ ह्रीम फट स्वाहा मंत्र से अभिमंत्रित करके इसे आधासीसी दर्द के रोगी को सुंघाएं. इससे काफी लाभ प्राप्त होता है.
  18. प्रातः या शाम को गोधूलि वेला के समय दिए हुए मंत्र का जाप करते हुए किसी चौराहे पर जाएँ और दक्षिण दिशा की और मुंह करके गुड की डली को दांतों के अगले भाग से काटकर दो हिस्से कर लें. फिर चौराहें पर एक टुकड़े को अपने आगे और एक टुकड़े को अपने पीछे फेंककर चले जाएँ. आधासीसी का दर्द जल्दी ही ठीक हो जायेगा. मंत्र इस प्रकार है – ॐ ह्रीम फट स्वाहा.
  19. मकोय की जड़ लाकर उस पर 21 बार दिए गए मंत्र का जप करके उसे रोगी के हाथ पर बांध दें. ऐसा करने से रात में आने वाला ज्वर ठीक हो जायेगा. मंत्र इस प्रकार है – ॐ ह्रीम चामुण्डे ज्वल ज्वल स्वाहा.
  20. दिए गए मंत्र द्वारा एक लौंग को अभिमंत्रित करके रोगी को खिलाने से ज्वर के कारण आने वाली कंपकंपी तुरंत बंद हो जाती है. मंत्र इस प्रकार है – ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदूताय नमः
  21. शनिवार या मंगलवार के दिन किसी हनुमान मंदिर से हनुमानजी के पैरों का सिन्दूर ले आएं. इसके बाद उस सिन्दूर को इस मंत्र से अभिमंत्रित करके सिर दर्द के रोगी के माथे पर तिलक लगा दें. जल्दी ही उसे दर्द में लाभ मिल जायेगा. मंत्र इस प्रकार है – हजार घर घालै एक घर खाय, आगे चले तो पीछे जाये फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा मेरे गुरु का मंत्र सांचा.
  22. नेत्र पीड़ा दूर करने के लिए प्रातः काल उठकर सूर्यदेव को नमन करें. उसके बाद सूर्यमुखी का फूल सूंघे और शुद्ध जल आँखों में डालें. ऐसा करने से नेत्र पीड़ा दूर हो जाती है. यह टोटका सिर दर्द में भी काम करता है.
  23. दाद, खाज और खुजली दूर करने के लिए सोमवार के दिन चन्दन की अगरबत्ती को शिवजी की पिंडी के आगे जलाएं. फिर अगरबत्ती की भभूत को इस मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके खुजली वाले स्थान पर लगाएं. मंत्र इस प्रकार है – ॐ भं यूम ॐ.
  24. वायु विकार, पेट दर्द, बदहजमी या आफरा होने पर तुलसी के सात पत्तों पर इस मंत्र का जाप करके 21 बार फूँक मारें और वह पत्तें रोगी को खिला दें. याद रखें की रोगी पत्तों को चबाये नहीं, तुरंत लाभ हो जायेगा. मंत्र इस प्रकार है – रामदूताय हनुमान, पवनपुत्र हनुमान.
  25. आटे का एक दीपक बनाकर उसके पास इस मंत्र का जाप करें. कुछ समय बाद उस दीपक को हाथ से बुझा दें (मुँह से फूँक मारकर कभी न बुझाएं). फिर उस दीपक की बत्ती निकालकर रोगी की छाती पर मलें. इससे वक्षशूल रोग दूर हो जाता है. मंत्र इस प्रकार है – राम रामेति राम राम राम.
  26. सभी प्रकार की कर्ण पीड़ा दूर करने के लिए प्रातः काल उठकर सूर्यदेव को नमस्कार करें. फिर उत्तर की और मुँह करके प्राणायाम करें. आसान करते समय कानों को उँगलियों से बंद कर लें. केवल सांस छोड़ते समय कानों से उंगलिया हटाएँ. फिर जोर से इस मंत्र का जप करें. इससे कानों के सभी रोगों से मुक्ति मिल जाएगी. मंत्र इस प्रकार है – ॐ वासुदेवाय नमः |
  27. जिस अकीक पत्थर पर सूर्य अंकित हो, उसे मंगलवार की दिन गले में धारण करें. सफेद दाग दूर हो जायेगें.
  28. हकलाने वाला इंसान प्रत्येक सोमवार या शुक्रवार को सूर्योदय से पूर्व उठे. फिर पवित्र होकर उत्तर दिशा की और मुँह करके बैठ जाएँ और निम्न मंत्र का 108 बार जप करें. जप से पूर्व एक गिलास पानी अपने सामने रख ले. जप के बाद उसे पी जाये. शाम के समय २ सुपारियां अपने ऊपर से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दे. हकलाहट समाप्त हो जाएगी. मंत्र इस प्रकार है – ॐ सरस्वत्यै नमः |